यह बादशाहों का सा मेज़ाज रखने वाले लोग गोया बादशाहों जैसे एहतेराम के मुस्तहक हैं।
इन गुदड़ी पोश बादशाहों के गु़लाम भी अपनी गुदड़ियों में जमशेद और खाकान का सा वेकार छिपाये फिरते हैं।
उन्हों ने आज दुनिया की नेमतों को नज़र अन्दाज़ कर दिया है और कल यह जन्नत’ को आँख उठा कर भी नहीं देखेंगें।
इन बर्हना-पा फ़कीरों को हक़ारत की निगाह से न देखो- कि अक्ल’ के नजदीक यह उन ऑखों से ज़्यादा मोहतरम हैं जिन में खौफे इलाही से आँसू चमकते हैं।
हाँ- अगर आदम (अ०) ने जन्नत को गेंहू के दो दानों के एवज़ बेच दिया था तो सच जानो के यह दीवाने जन्नत को एक जौ के एवज़ भी नहीं खरीदेंगें।
बोहलोल दाना | Behlol Dana
₹25.00
आले मोहम्मद अ०स० का दीवाना
Language: Hindi
Author: Sayyida Abeda Nargis
Page Count: 142
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Weight | 99 g |
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Dimensions | 177 × 119 × 10 mm |
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