कुछ इस किताब के बारे में
जो किताब इस वक्त आपके हाथों में है वो दरअस्ल इमाम जाफर सादिक के दिये चार दर्स (प्रवचन) हैं। इन दों में उन्होंने अपने शागिर्द मुफज्जल के सामने बड़े ही दिलचस्प अन्दाज़ में खुदा के होने पर सुबूत पेश किये हैं। इमाम ने इस कायनात (जगत) की रंग-बिरंगी चीज़ों और उनके पीछे लगी हिकमत को इस तरह बयान किया है जिसको पढ़कर हर इन्सान दंग रह जाता है और ये सोचने पर मजबूर हो जाता है कि आज से 1300 साल पहले कि जब साइन्स ने इतनी तरक्की भी नहीं की थी, कोई इन्सान ऐसी बातें किस तरह बयान कर सकता है?! किताब में जगह-जगह ऐसे सवाल उठाए गये हैं जिनकी तरफ़ या तो सिरे से हमारा ध्यान नहीं जाता या फिर जिनके जवाब हमें मालूम नहीं होते। मसलन :
1. इन्सान के जिस्म में एक ही सर क्यों होता है?
2. बच्चे रोते क्यों हैं? और उनके राल क्यों टपकती है?
3. इन्सानों में शर्म क्यों पाई जाती है? और भूलने के क्या फायदे हैं?
4. जानवरों के दुम क्यों होती है?
5. फलों में गुठली और बीज क्यों होते हैं?
वगैरह-वगैरह कुल मिलाकर, किताब बेहद दिलचस्प, अनोखी, निराली और पढ़ने लायक है।
क्या अब भी ख़ुदा का इन्कार करोगे? | Kya Ab Bhi Khuda Ka Inkar Karoge?
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खुदा के वुजूद पर इमाम जाफ़र सादिक के ज़रिये दिये गये ज़बरदस्त सुबूत
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Weight | 181 g |
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Dimensions | 215 × 140 × 10 mm |
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